Monday, December 15, 2008

BAAZIGAR


घुड़सवारों के लिए हर हार बेमानी है
जो हैं जाबाज उन्हें हरा नही सकता ;कोई
हारने को तो हर कोई हारता है
पर हारकर जीते बाजीगर कहते है उसे

बादशाह मरा नहीं करते वक्त ने दी कई बार ठोकरे
खाई चोट ;जख्मो ने हज़ार बार

अब नासूरों में इतना दर्द कहाँ जो रोक सके इन कदमो को
हारो का अब दर्द नही होता बस कहना है दुनिया से
तूफानों में भी अब दिया जलता है हम्मे आज भी
जीतने का ज़स्बा पलता हैं

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