Monday, December 15, 2008

एहसास चाहत का


किसी को चाहना और चाहे जाने की तमन्ना करना इंसान की फितरत में शामिल है और फ़िर चाहे और चाहे जाने की तमन्ना किसे नही होती कुछ ही खुशनसीब लोग होते जो दूसरो की चाहत को पा ले और कुछ बदनसीब साहिल पर भी आकर भी प्यासे रह जाते है हमेशा की तरह । पर वो ना उम्मीद नही होते प्यार की तिशनगी बर्दाश्त करते है ; इस आस पर की शायद जिंदगी में कोई लम्हा आ जायऔर उनकी रूह को बहार की सभी हकीक़तो से सैराब कर दे । लेकिन किसी की चाहत में एक उमर गुजार देते है ; जब आस प्यास में ढलने लगती है ;फ़िर सोचते है की कहीं उनसे कोई गुनाह सो सरज़द नही हो गया है लेकिन ये नही जानते की उनकी किस्मत में किसी का प्यार लिखा ही नही है ।
तभी तो कहते है
"प्यार का जस्बा भी ना जाने क्या ख्वाब दिखा देता है ;
अजनबी चेहरे को महबूब बना देता है
चाहते तो हम भी बहुत होते हैं उन्हें
मगर जिसे मिल जाय वो खुशनसीब होता है।"

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