Saturday, December 5, 2009

पूछो तो जरा क्या उनके पास इसका जवाब है?

Listen Closely,

Stand still for one moment'.

Can you hear me?

When I whisper your name at night starring into the stars,

Do you feel a cold chill come over you?

Do you feel me like I feel you?

Do you long for my tender kisses for that soft gentle touch?

Or am I just delusional in this madness I once thought was love?

When I pray, do you feel the power of love I am sending?

When I cry, do you feel the pain I am feeling?

Every time you turn me away, do you know how I hurt, do you even care?

Do you ever sit alone and wonder what things might have been like together?

I am at war with myself every day,

Telling myself why I should forget you, why I should let go,

How foolish I am for hanging on'

Nothing seems to work. I have tried making myself hate you, to not care'

I have reminisced the past, and even dwelled on all the bad memories,

All the horrible words we have shared together

Trying to convince my self you are the enemy,

So many times I see you in my dreams’ and I am sure to see you tonight.

There you are, within reach, yet I cannot hold you,

I cannot kiss you as I desire,

And I cannot make you love me as I have prayed for so many nights.

How could I love you so much, yet you hardly know I exist?

You are so careless with your feelings, so nonchalant.

I don't know how you do it, How can you not feel my love inside you?

You will forever be there; you are the burden in my heart that will burn me forever.

My head is telling me I am a fool and that the pain must end

My heart tells me love has no end, no boundaries, no rules or fine lines

You know nothing about this pain, about the torture

What I wouldn't give to let go, to set you free from my heart.

I have searched and searched to find a way to release this pain,

And I am left with nothing

Without your love, I will always be left with nothing.

This is a game I cannot win, I cannot overcome this,

I want to give up, but there is no point in that,

Because the feeling I feel will still be there

No matter how defeated I may feel, I can't end this

At first when we met

We said hi

Now we're still friends

But we've said goodbye

I gave you a chance

And you rejected

You said it's not good right now

And you stand corrected

You see what you've lost

At least I hope you do

You see what others can have

But not you

I don't mean to sound conceited

Or vain in any way

I'm just merely pointing out

What you had, and threw away

I liked you a lot

I honestly did

But did you feel the same?

Were there feelings you hid?

If you had feelings for me

You didn't show it

Because things are over now

And I didn't know it

If you didn't have feelings

Then why did you say so

When the only person you trust, lies

Then where do you go?

I just wanted to say

Thought you needed to know

These feelings I have

Need to be let go

Monday, December 15, 2008

कभी-कभी शायद यूँ ही

साहिलों से किनारे का सफर सिर्फ़ हसरत ही रहा
ख्वाहिशो का समंदर;समंदर में ही रहा
समंदर पार दुनिया कितनी ख्वाब्दार होगी
पर जाने क्यूँ लगा ज़िन्दगी यही पार होगी
अपनी चाहत की दुनिया शहजादा हूँ मै
पर पता नही ख़ुद को कितना हमजुदा हूँ मैं
तैर चले कुछ यु सोचकर तकदीर साथ देगी
किसी न किसी मोड़ तकदीर हाथ देगी
तूफानों के बवंडर में सारा जीवन उलझ गया
जीवन के समंदर में जाने क्या टूटा क्या उलझ गया
बस टूटी कश्ती से मंजिल खोजते रहे
बेजान चट्टानों से जाए किधर ;यही पूछते रहे
जाने सोच कहा टकरा गई;सोचा मंजिल आ गई
पर भरे समंदर में किधर रहे अधर थे अधर में ही रहे
कभी-कभी तलाश मंजिल की यु ही जारी रही
हर मोड़ पर तलाश तेरी ;आदत कुछ यु हमारी रही

अधूरी तस्वीर सपनो की


होटो पर प्यास थी पर पिया न गया
एक प्याला जाम भी मुझसे न लिया गया
जाने वो समां कैसा था जो एक पल टहर गया
उनकी आखों की नमी से मेरा दामन भीग गया
जाड़े की वो रात ;रात भर सुलगती रही
उनकी यादों की शमा रात भर जलती रही
होश भी था कुछ थोड़ा मदहोश भी था
हमने तो जाम को ख़ुद अपने हाथो से भरा था
क्या पता था सपनो की अपने से टूट जाएगा
एक ही पल में यादों का शीश महल हाथो से छुट जाएगा
पर सारे टुकडो में एक ही खनक;एक ही बात साफ़ थी
हर एक टुकड़े में उनकी तस्वीर साफ़ थी
ऐसा गिरा की जाने क्या हुआ
पल ही पल में सपनो का महल टूट गया

सब तरफ़ खामोशी आलम साफ़ था
बस एक टूटा टुकडा मेरे साथ था
एक ख्वाइश एक छोटी आस आज भी साथ थी
जाने क्यूँ वो तस्वीर कल भी मेरे साथ थी
बस वही तस्वीर और आखिरी हसरत हर मुकाम मेरे साथ थी













वो जो ख्वाबो में आता है शायद तुम ही तो हो ;धडकनों को बढ़ा जाता है तुम ही तो हो
महक गई मेरी सासें शायद वो तुम ही तो हो ; जिसकी आखों की कशिश मदहोश कर जाती ;शायद वो तुम ही तो हो

हर लम्हा हर पल याद आती हो ; जहाँ देखूं नज़र आती आयें वो शायद तुम ही तो हो
मेरी रूह को छूकर चली जाती है ;जिसकी मासूम सी सूरत भीनी-भीनी मुस्कराहट धीरे -धीरे;
मुझे मुझसे ही चुराए शायद वो तुम ही तो हो

जिसकी काली-काली घटाए अनजानी उमंग भर लाये शायद वो तुम ही तो हो
कभी हो तुमसे भी मुलाक़ात कोई ऐसी सूरत हो..........................................


हर कोई नई चीज़ अच्छी लगती है मगर दोस्ती जितनी पुरानी होती है उतनी ही पायदार होती है यह कुर्बानी का नाम है जिंदगी में जाने कितने लोग आते है इतने की कितने चेहरे ना तो याद रहते है न ही याद आते है मगर कुछ मिलते है जिन्हें हम प्यार करते है जिन्हें हम दिल की गहराही से चाहने लगते है वो जाने क्यूँ हमारे जेहन में एक एहसास की तरह बस जाते है हम दिन रात उनकी मुहब्बत में गुजारने लगते है अगर वे गम हो जाते है तो हम उन्हें ढूँढ़ते रहते है लेकिन हमारी निगाहों को एक मायूसी के सिवा कुछ नही मिलता कुछ हासिल नही होता और कहीं अगर मिल जाए तो खुशी से कोई आवाज़ नही आती अगर तोधी देर के लिए दूर हो जाय तो ऐसा मालूम होता है जैसे कोई कीमती चीज़ खो गई है क्यूँ है ना बेशकीमती दोस्ती जिसकी कोई कीमत नही .

कीमती चीज़

एहसास चाहत का


किसी को चाहना और चाहे जाने की तमन्ना करना इंसान की फितरत में शामिल है और फ़िर चाहे और चाहे जाने की तमन्ना किसे नही होती कुछ ही खुशनसीब लोग होते जो दूसरो की चाहत को पा ले और कुछ बदनसीब साहिल पर भी आकर भी प्यासे रह जाते है हमेशा की तरह । पर वो ना उम्मीद नही होते प्यार की तिशनगी बर्दाश्त करते है ; इस आस पर की शायद जिंदगी में कोई लम्हा आ जायऔर उनकी रूह को बहार की सभी हकीक़तो से सैराब कर दे । लेकिन किसी की चाहत में एक उमर गुजार देते है ; जब आस प्यास में ढलने लगती है ;फ़िर सोचते है की कहीं उनसे कोई गुनाह सो सरज़द नही हो गया है लेकिन ये नही जानते की उनकी किस्मत में किसी का प्यार लिखा ही नही है ।
तभी तो कहते है
"प्यार का जस्बा भी ना जाने क्या ख्वाब दिखा देता है ;
अजनबी चेहरे को महबूब बना देता है
चाहते तो हम भी बहुत होते हैं उन्हें
मगर जिसे मिल जाय वो खुशनसीब होता है।"